tag:blogger.com,1999:blog-3430383595992148716.post44497304152207322..comments2024-03-19T20:10:08.056+05:30Comments on ओशो गंगा/ Osho Ganga: गीता दर्शन--(भाग--4) प्रवचन--106oshoganga-ओशो गंगाhttp://www.blogger.com/profile/06416428388577433201noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3430383595992148716.post-31346269053365109592023-11-24T17:54:41.817+05:302023-11-24T17:54:41.817+05:30thank you gurujithank you guruji05021991https://www.blogger.com/profile/16815819360697416055noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3430383595992148716.post-35201745219562937192023-07-26T21:41:14.376+05:302023-07-26T21:41:14.376+05:30सभी प्रबुद्ध जनों ने क्यूँ एकांत में,वन-जंगल में,प...सभी प्रबुद्ध जनों ने क्यूँ एकांत में,वन-जंगल में,पर्वत पर या गुफा में साधना की उसका सटीक एवं सचोट ह्रदयस्पर्शी मूल्याकंन से "आहह" ह्रदयोद्गार प्रवाहित हों गए 🙏🙏🌹🌹🙏🙏धनस्वरूप अहंकार को परिवार जनों से,समाज से,.. जो ऑक्सीजन मिलता हैं परिणाम स्वरूप अहंकार ठोस तदनन्तर सधन ठोस होता रहता हैं उससे निजात दूरी बनाने के लिए एकांत उचित नहीं बल्कि नितांत आवश्यक हैं | ऑे ओशो! सचमुच ह्रदय आज बहुत ही बड़ा हों गया |<br />/raginidavehttps://www.blogger.com/profile/13483177543504950554noreply@blogger.com