रविवार, 4 अक्तूबर 2009

अतीत का विसर्जन---


लाओत्‍से से कोई पूछता कि तुम्‍हारा सबसे श्रेष्ठतम वचन कौन सा है।
तो लाओत्‍से कहता है, यही। जो अभी-अभी बोल रहा हूं।
बान गॉग से कोई पूछता है,
तुम्‍हारी श्रेष्ठतम चित्र कृति कौन सी है,
तो वान गॉग पेंट कर रहा है और कहता है, यही।
जो मैं अभी पेंट कर रहा हूँ।
अभी जो हो रहा है, वही सब कुछ है,
इस अभी में जो सनातन को
स्‍मरण रख कर जीना शुरू कर देता है।
उसे रास्‍ता मिल गया, उसे सेतु मिल गया।
छोड़े अतीत को, छोड़े भविष्‍य को, पकड़े वर्तमान को।
धीरे-धीरे अतीत को विसर्जित करते जाएं।

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