मंगलवार, 1 जुलाई 2025

03-भारत मेरा प्यार -( India My Love) –(का हिंदी अनुवाद)-ओशो

भारत मेरा प्यार -( India My Love) –(का हिंदी अनुवाद)-ओशो 

03 हज़ार नामों के पीछे, - (अध्याय -01)

 ....उपनिषदों की शिक्षाएँ बुद्ध से भी पुरानी हैं। बुद्ध ने जो कहा है, वही उपनिषदों में छिपा है। जो लोग गहराई से इसका अध्ययन करेंगे, वे पाएँगे कि बुद्ध ने उपनिषदों पर एक जीवंत व्याख्या दी है...

 उपनिषदों के राज्य आग से खेल रहे थे, लेकिन बुद्ध के आते ही वह राख हो चुकी थी। जब बुद्ध ने फिर से आग की बात शुरू की, तो यह स्वाभाविक था कि जो लोग राख की रखवाली कर रहे थे और उसे आग कह रहे थे, उनके लिए वे दुश्मन लग रहे थे। यह स्वाभाविक था, क्योंकि अगर आग फिर से जलाई गई, तो राख के रखवाले बड़ी मुश्किल में पड़ जाएंगे।

 यह समझना कठिन है कि सत्य हमेशा एक ही होता है। केवल उसकी अभिव्यक्तियाँ नई होती हैं: सत्य का जीवन-केंद्र हमेशा एक ही होता है।

 वास्तव में, जो कुछ भी शाश्वत मूल्य का है, उसे उपनिषदों में इतनी अच्छी तरह से बताया गया है कि कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि क्या उनमें कुछ ऐसा जोड़ना संभव है जो पहले से मौजूद नहीं है। क्या उपनिषदों को और परिष्कृत किया जा सकता है? क्या उनमें सुधार किया जा सकता है? - मुझे इसमें संदेह है। ऐसा लगता है कि यह बहुत मुश्किल है।

 कोई भी सुधार करना मुश्किल है। इसमें संदेह है कि ऐसा किया जा सकता है; ऐसा लगता है कि कोई रास्ता नहीं है।

ओशो

 

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