74 - आओ तुम्हारे
पीछे चलो,
खंड
-04,
-(अध्याय -10)
हाँ, मैं भारत को देश नहीं, बल्कि एक आंतरिक स्थान कहता हूँ। मैं भारत को भूगोल में, नक्शों में मौजूद कोई चीज़ नहीं कहता। मैं भारत को वह कहता हूँ जो तुम्हारे भीतर छिपा हुआ है, और जिसे तुमने अभी तक खोजा नहीं है। भारत तुम्हारा अंतरतम स्थान है। भारत एक राष्ट्र नहीं है, यह एक मनःस्थिति है।
ओशो
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