ओशो गंगा/ Osho Ganga
मंगलवार, 27 मार्च 2018

जगत तरैया भोर की (दयाबाई)-ओशो

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जगत तरैया भोर की (दयाबाई)-ओशो दुनिया में सौ कवियों में नब्बे तुकबंद होते हैं। कभी-कभी अच्छी तुकबंदी बांधते हैं। मन मोह ले , ऐसी तु...
शुक्रवार, 23 मार्च 2018

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-10

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जागो--नाचते हुए — दसवां प्रवचन : दिनांक १० जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना. प्रश्नसार: 1—जब से तुझे पाया , तेरी महफिल में द...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-09

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सदगुरु की महिमा—नौवां प्रवचन : दिनांक ९ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना सारसूत्र: धीरजवंत अडिंग जितेंद्रिय निर्मल ज्ञान गहयौ ...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-08

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पुकारो--और द्वार खुल जाएंगे—आठवां प्रवचन : दिनांक ८ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना प्रश्नसार: 1—भगवान! गत एक महीने से कुछ वि...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-07

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हरि बोलौ हरि बोल—सातवां प्रवचन : दिनांक ७ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना सारसूत्र: बांकि बुराई छाड़ि सब , गांठि हृदै की खोल। ...
बुधवार, 21 मार्च 2018

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-06

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जो है , परमात्मा है—छठवां प्रवचन : दिनांक ६ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना प्रश्नसार: 1—परमात्मा कहां है ? 2—हम तो खुदा ...
मंगलवार, 20 मार्च 2018

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-05

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सुंदर सहजै चीन्हियां—पांचवां प्रवचन : दिनांक ४ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना सारसूत्र: हिंदू की हदि छाड़िकै , तजी तुरक की र...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-04

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वन समस्या नहीं--वरदान है—प्रवचन-चौथा : दिनांक 4 जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना प्रश्नसार: पहला प्रश्न: मनुष्य की वस्तुतः अ...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-03

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तुम सदा एकरस , राम जी , राज जी — तीसरा प्रवचन : दिनांक ३ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना सूत्र: तो पंडित आये , वेद भुलाये , ...
सोमवार, 19 मार्च 2018

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-02

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संसार अर्थात मूर्च्छा—दूसरा प्रवचन दिनांक २ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना प्रश्नसार: 1—ज्ञानी परमात्मा को परम नियम कहते ह...

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुुंदर दास)--प्रवचन-01

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नीर बिनु मीन दुखी - प्रहला प्रवचन दिनांक १ जून , १९७८ ; श्री रजनीश आश्रम , पूना सूत्र: नीर बिनु मीन दुखी , छीर बिनु शिशु जैसे , ...
रविवार, 18 मार्च 2018

हरि बोलौ हरि बोल (संत सुंदर दास)-ओशो

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हरि बोलौ हरि बोल ( संत सुंदर दास)-ओशो सुंदरदास के पदों पर दिनांक 1 जून से 10 जून , 1979 तक हुए भगवान श्री रजनीश आश्रम पूना में। ...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-10)

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शरद चांदनी बरसी—(प्रवचन—दसवां) दिनांक 20 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना प्रश्‍नसार : 1—भगवान! आपने कहा: "सत्संग ,...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-09)

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कह यारी घर ही मिलै—(प्रवचन—नौवां) दिनांक 19 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना सारसूत्र : जोतिसरूपी आतमा , घट घट रही समाय। ...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-08)

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सत्‍य के अनबोल बोल—(प्रवचन—आठवां) दिनांक 18 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम पूना। प्रश्‍न सार: 1—भगवान! स्वामी चैतन्य भारती जब शि...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-07)

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मरिके यारी जुग-जुग-जीया—(प्रवचन—सातवां) दिनांक 17 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना सारसूत्र : बिन बंदगी इस आलम में , ख...
शनिवार, 17 मार्च 2018

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-06)

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प्रार्थना के पंख—(प्रवचन—छठवां) दिनांक 16 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना। प्रश्‍नसार : 1—हम आपसे जो सवाल पूछ रहे हैं , वे सब...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-05)

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तत्‍वमसि—(प्रवचन—पांचवां)   दिनांक 15 जनवरी , 1979 ;   श्री ओशो आश्रम , पूना। सारसूत्र: आंधरे को हाथी हरि , हाथ जाको जैसो आय...

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-04)

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संन्यास--एक नयी आँख—(प्रवचन—चौथा) दिनांक 14 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना। प्रश्‍नसार : 1—भगवान! बचपन से ही सुनता र...
शुक्रवार, 16 मार्च 2018

बिरहिनी मंदिर दियना बार—(प्रवचन-03)

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निरगुन चुनरी निर्बान—(प्रवचन—तीसरा) दिनांक 13 जनवरी , 1979 ; श्री ओशो आश्रम , पूना। सारसूत्र : निरगुन चुनरी निर्बान , कोउ ओढ़...
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ध्यान है, आप उस में कुद गये तो एक नदी की तरह आप रूक नहीं सकते। जन्मों की साधना का फल ह

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oshoganga-ओशो गंगा
जीवन अपने में एक रहस्य छुपए चल रहा हे, हम एक मुसाफिर मात्र है, क्या और किस लिए मन में एक ज्ञिज्ञाषा लिए चल रहे है इस सफर पर परंतु ओशो के प्रकाश के कारण एक किरण ने मार्ग पर कुछ प्रकाश बिखेरा है...भाग्य हमारा की ओशो ने अपने मार्ग पर चलने के लिए हमें चूना....वरना हम तो आंखों के बिना भी बस अंधेरे में टटोलते ही रह जातेेेेेेेे.... ओशो प्यारे दिल में समा रे नयनों में बस जा रे। मनसा-मोहनी दसघरा
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