मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि दुनियां के बहुत से अच्छे लोगो ने
जिन लोगो ने भी कहां जिंदगी आसार है,
जिन लोगो ने भी कहां जीवन दुःख है,
जिन लोगो ने कहां जीवन छोड़ देने जैसा है,
जिन लोगो न कहां जीवन पाप है,
जिन लोगो न कहां जीवन कुछ भी नहीं सब माया है,
सब व्यर्थ है, सब असार है, उन लोगों ने आपके मन में एक निगेटिव,
एक नकारात्मक दृष्ठि को जगह बना दी है,
उन सारे लोगो ने मनुष्य को धार्मिक होने से रोका है,
जिन लोगो ने भी लाइफ निगेटिव आदतें ड़ाली हमारी और जिन्होंने जीवन के रस को ,
सब आनंद को निषेध किया, इनकार किया, उल सारे लोगों ने मनुष्य को परमात्मा से
जोड़ने वाली कड़ी से वंचित किया है। क्योंकि मनुष्य तो केवल पाजिटिविटी में ,
जब वह परिपूर्ण विधायक रूप से जीवन के रस को देखता है,
जब वह घने से घने अंधकार में एक प्रकाश की ज्योति को देखता है।
जब वह कांटों से भरी झाड़ी में एक गुलाब के फूल को देखता है,
और वह पाता है भगवान को कि धन्यवाद, तू अद्भुत है, यह जीवन चमत्कार है।
इतने कांटों के बीच भी फूल पैदा हो जाता है,
यह मिरेकल है, जब वह यह कह पाता है भगवान से
तब वैसा आदमी जीवन के वे द्वार खोलता है,
जहां से अमृत का प्रवेश होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें