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बुधवार, 23 मार्च 2011

01-आजा हो आजा मेरे प्यार-(कविता)

आजा हो आजा मेरे प्यार, आजा...
सांसो का क्या ऐतबार आजा, आजा हो

1-जलती चीता पर जीवन बैठा।
कोई नहीं अब सब जग रूठा।
वादा करके तु हो गया झूठा।
गम भी तेरा लागे हे मिठा।
दिल को दिलाजा ऐतबार आजा....
आजा हो आजा मेरे प्यार....


2-कब की पुकारू पथ को संवारू।
तेरी छवि को बैठ निहारू।
घटती ये सांसे तुझ पर वारू।
लोक लाज अब आज उतारू।
तुझ बिन जीवन कैसे संवारू।
उत तु भी तो होगा बेकार आजा...
आजा हो आजा मेरे प्यार....

3-भाग मेरे जो तुझको पाया।
छोड जगत तुझे अपना बनाया।
मन मंदिर में तुझे बसाया।
आंगन भर खुशिया तु लाया।
सांसों में बस तु ही समाया।
सुर को मिलजा इस बार आजा...
आजा हो आजा मेरे प्यार आजा।

4-आओ प्रितम अब तो आ जाओ।
भेद मेरा मुझसे न छुपाओ।
दिल ही दिल में पीर बढाओ।
विरह गीत अब यूं न सुनाओ।
आकर अब तो भेद बातओ।
अहिल्या का बेडा करो इस बार....आजा
आजा हो आजा मेरे प्यार आजा।
सांसों का क्या है ऐतबार आजा।
(मनसा-मोहनी)




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