झेन शुद्ध धर्म है--(प्रवचन-आठवांं)
(ओशो झेनः दि पाथ ऑफ पैराडॉक्स अंग्रेजी से अनुवादित)
Zen: The Path of Paradox, Vol 1, Chapter #1, Chapter title: Join the Farthest Star,
11 June 1977 am, Poona.
झेन कोई दर्शनशास्त्र नहीं है, बल्कि एक धर्म है। और धर्म जब बिना दर्शनशास्त्र के होता है, बिना किसी शाब्दिक जाल के तो वह घटना बहुत अनोखी हो जाती है। बाकी के सभी धर्म परमात्मा की धारणा के आसपास घूमते हैं। उनके अपने दर्शन हैं। वे धर्म परमात्मा की ओर केंद्रित हैं, मनुष्य केंद्रित नहीं हैं; उनके लिए मनुष्य लक्ष्य नहीं है, परमात्मा उनका लक्ष्य है।लेकिन झेन के लिए ऐसा नहीं है। झेन के लिए, मनुष्य ही अंतिम लक्ष्य है, मनुष्य स्वयं अपने आप में लक्ष्य है। झेन के लिए परमात्मा मनुष्य से ऊपर नहीं है, परमात्मा मनुष्य में छिपी हुई सत्ता का ही नाम है। झेन कहता है कि मनुष्य अपने स्वयं के भीतर परमात्मा को एक संभावना की तरह लिए हुए है।