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गुरुवार, 24 सितंबर 2009

नीति: काव्यँपूर्ण आचरण—

काव्‍य पैदा होता है
तुम्‍हारे भीतर संगीत के अनुभव से
तुम्‍हारा समस्‍त आचरण काव्‍यपूर्ण हो जाता है।
काव्‍यपूर्ण आचरण से मैं नैतिक आचरण कहता हूँ--
यह मेरी परिभाषा।
तुम मुझसे पूछो कि नीति क्‍या है?
तो मैं कहूंगा: काव्‍यपूर्ण आचरण
ऐसा आचरण जिसमें कविता हो।
मेरी नीति की परिभाषा सौंदर्य-शास्‍त्र परक है।
सौंदर्य कसौटी है।
नीति मैं उसको नहीं कहता
जो तुमने जबर्दस्‍ती थोप ली है।
नीति मैं उसको कहता हूँ
जो तुम्‍हारे भीतर के संगीत के सुनने से
तुम्‍हारे जीवन में अवतरित होनी शुरू हुई है।
आई है, लाई नहीं गई है।
आरोपित नहीं है, स्‍वत: स्‍फूर्त है, स्‍फुरणा हुई है।

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