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गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

जिम जोंस का स्‍वर्ग रथ—सामूहिक बेहोशी

स्‍वर्ग रथ की प्रतीक्षा में—
       सत्‍तर के दशक में अमरीका में एक करिश्‍माई नेता जिम जोंस का प्रभाव बढ़ने लगा। उसके वक्‍तव्‍य बड़े सम्‍मोहक होते और उसके अनुयाई अंधों की तरह उसका अनुसरण करते। जिम जोंस ने कार्ल मार्क्‍स, विंस्‍टन चर्चिल, और एडोल्फ हिटलर जैसे लोगों को गहन अध्‍ययन किया था। उसके जीवन पर किए गए अध्‍ययनों के अनुसार वह बचपन से मृत्‍यु की घटना से बड़ा प्रभावित था। अक्‍सर छोटे-छोटे मृत जानवरों को लाकर उनका अंतिम संस्‍कार किया करता था। वह अपनेआप को महात्‍मा गांधी, कार्ल मार्कस, जीसस और बुद्ध का अवतार भी कहता था।

सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

पा लूं गा विस्‍तार आप सा...आशिष (कविता)

नभ तुन तो देखा होगा, अनन्‍त सृष्‍टियों  का संध हार।
है धीर-दृष्‍टा तुझे कभी तो आता होगा इस  पर प्‍यार।

कैसे तू इतना अडिग खड़ा है,
थिरता का मंदिर सा बनकर।
मेरे दीपक की क्षणिक ज्‍योति,
क्‍यों कंप जाती है नित रह-रह कर।।

जंगल का फूल—कविता

जंगल में एक फूल खीला जब,
मैने पूछा चुपके से।
क्‍यों यहां खिला और के लिए?
किस उसने हंसकर कुछ यूं देखा
फिर हौट हीले और बात झरी
खिलनें में ही पूर्णता है,
      न जग के लिए।
      न रब के लिए।।
स्‍वामी आनंद प्रसाद ’’मनसा’’