जिन सूत्र--(भाग--2)
प्रश्न
सार:
1—नानकदेव भी
जाग्रतपुरूष
थे, लेकिन उन्होंने
स्वयं को भगवान
नहीं कहा। आप........?
2—ध्यान
के एक गहन अनुभव
पर भगवान से मार्ग
दर्शन की प्रार्थाना।
3—अफसोस,
दिल का हाल कोई
पूछता नहीं। और
सब कहते है तेरी
सूरत बदल गई।
और सब
कुछ लूटा के होश
में आये तो क्या
किया। मैं
क्या करूं...... ?
4—आप
उत्तर न देंगे
तो मैं पागल हो
जाऊंगा।