‘या बीच
के रिक्त स्थानों
में यह बिजली
कौंधने जैसा
है—ऐसा भाव
करो।
थोड़े
से फर्क के
साथ यह विधि
भी पहली विधि
जैसी ही है।
या बीच
के रिक्त स्थानों
में यह बिजली
कौंधने जैसा
है—ऐसा भाव
करो।’
एक केंद्र
से दूसरे
केंद्र तक
ताकी हुई
प्रकाश-किरणों
में बिजली के
कौंधने का
अनुभव करो—प्रकाश
की छलांग का
भाव करो। कुछ
लोगों के लिए
यह दूसरी विधि
ज्यादा
अनुकूल होगी, और
कुछ लोगों के
लिए पहली विधि
ज्यादा
अनुकूल होगी।
यही कारण है
कि इतना सा
संशोधन किया
गया है।