राहुल पर मार का हमला-(एस धम्मो सनंतनो)
राहुल गौतम बुद्ध का बेटा था। राहुल के संबंध में थोड़ा जान लें। फिर इस दृश्य को समझना आसान हो जायेगा।
जिस रात बुद्ध ने घर छोड़ा, महा अभिनिष्क्रमण किया, राहुल बहुत छोटा था। एक ही दिन का था। अभी-अभी पैदा हुआ था। बुद्ध घर छोड़ने के पहले गए थे यशोधरा के कमरे में इस नवजात बेटे को देखने। यशोधरा अपनी छाती से लगाए राहुल को सो रही थी। चाहते थे, देख ले राहुल का मुंह, क्योंकि फिर मिले देखने ल मिले। लेकिन इस डर से की अगर राहुल के और पास गए, उसका मुंह देखने की कोशिश की, कहीं यशोधरा जग न जाए, जग जाए, तो रोएगी, चीखेगी, चिल्लाएगी, जाने न देगी। इसलिए चुपचाप द्वार से ही लोट गए थे।
उस बेटे को राहुल का नाम भी बुद्ध ने इसी लिए दिया था—राहु-केतु के अर्थों में। इसलिए दिया कि बुद्ध घर छोड़ने जा रहे थे। तब यह बेटा हुआ। सोचते थे कब छोड़ दू्ं, कब छोड़ दू्ं, तब यह बेटा पैदा हुआ। इस बेटे का प्रबल आकर्षण, और हजार शंकाओं-कुशंकाओं का जमघट लग गया।
मेरे घर बेटा आया है और मैं छोड़कर भाग रहा हूं—यह उचित है छोड़कर भागना, जिम्मेदारी, उत्तरदायित्व....। इस बेटे के जन्म से मेरा उतना ही हाथ है, जितना यशोधरा का, और मैं छोड़कर भाग रहा हूं। इस असहाय स्त्री पर अकेला बोझ छोड़कर भागा जा रहा हूं, यह उचित नहीं है।
ये सारी शंकाएं उठने लगी थीं। इसलिए नाम राहुल दिया था कि मैं किसी तरह मुक्त होने के करीब था कि तू राहू की तरह मेरे कले को फंसाने आ गया।