ऑन दि टैबू अगेंस्ट नोइग हू यू आर-ओशो की प्रिय पुस्तकें
The Book on the Taboo Against Knowing Who You Are by
किताब में प्रवेश करने से पहले खुद ऐलन वॉटस संक्षेप में इसे लिखने की वजह बताता है।
‘’यह किताब मनुष्य के उस निषिद्ध लेकिन अनचीन्हें टैबू के संबंध में है जो एक तरह से हमारी साजिश है हमारे ही प्रति कि हम स्वयं को जानना नहीं चाहते। चमड़े के थैले में बंद हम जो एक अलग-थलग हस्ती बनकर जीते है वह एक भ्रांति है। यही वह भ्रांति है जिसकी वजह से मनुष्य ने टैकनॉलॉजी का उपयोग अपने पर्यावरण पर विजय पाने के लिए और फलत: खुद के अंतिम विनाश के लिए किया।
‘’इसलिए दरकार है इस अहसास की कि हम विश्व के साथ जो कट गये है इससे बाहर आ जायें और अपने वजूद को पहचाने। इसलिए मैंने वेदांत के सूत्रों को चुनकर उन्हें पूरी तरह से आधुनिक शैली में पेश किया है। ताकि वेदांत दर्शन का परिचय पश्चिम को हो। यह पाश्चात्य विज्ञान और पूर्वीय अंत: प्रज्ञा का क्रॉस ब्रीड है, संकर है।‘’