दिनांक
4 जनवरी, 1976;
श्री
रजनीश आश्रम पूना।
प्रश्न
सार:
1—कृपया
समझायें कि
समय के अतराल
के बिना एक
बीज कैसे
विकसित हो
सकता है?
2—क्या ईश्वर
को समर्पण करना
और गुरु को समर्पण
करना एक ही है?
3—क्या
सतोरी के
पश्चात गुरु
की आवश्यकता
होती है?
4—श्रवण
की कला क्या
होती है? कृपया
मार्गदर्शन
करें।