‘’प्रेम संबंध ऐसी फैटेंसी है जहां आप जिस तरह भी जीना चाहें जी तो सकते है मगर खुश होने के बावजूद आप अंतत: दुःखी ही होते है।‘’
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर
ओशो
‘’तथाकथित संबंध बहुत सुंदर और सतरंगी सपनों के साथ शुरू होते है। परंतु शीध्र ही वे अत्यंत दुःख और गहरे विषाद के साथ समाप्त होते है। इसीलिए नये मनुष्य के बारे में मेरी जो दृष्टि है उसमे बह दूसरों से जुड़ेगा तो सही परंतु किसी प्रकार का रिश्ता नहीं बनायेगा—भविष्य के लिए किसी तरह
का वादा या कल के लिए कोई बंधन नहीं खड़ा करेगा। आज स्वयं में पूर्ण है, इसका भरपूर आनंद लो। यदि तुम कल भी एक दूसरे के साथ रहना चाहते हो तो बहुत अच्छा है। यदि तुम नहीं रहना चाहते हो तो एक दूसरे के प्रति अनुग्रह भाव के साथ अलग हो जाओ, क्योंकि एक दिन तुमने एक दूसरे को परम आनंद और ख़ुशियाँ दीं, और यह बढ़िया है कि इसके पहले कि चीजें कटु हों तुम्हें अलग हो जाना चाहिए। कम से कम तुम्हारी यादों में वे खुबसूरत क्षण हमेशा महकते जीवंत वह ताजा रहेगें।‘’ओशो
दि गोल्डन फ़्यूचर
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