मैं अभी मरा नहीं हूं—(प्रवचन-सातवां)
ऋतु आये फल होय--The Gras grow by Itself--ओशो
(ज़ेन पर ओशो द्वारा दिनांक 27 फरवरी 1975 में अंग्रेजी में दिये गये अमृत प्रवचनों का हिन्दी में अनुवाद)
सूत्र:
एक भूतपूर्व सम्राट ने सद्गुरु गूडो से पूछा:
एक बुद्धत्व को उपलब्ध व्यक्ति को मृत्यु के बाद क्या घटता है?
गूडो ने उत्तर दिया:
मैं इसे कैसे जान सकता हूं?
भूतपूर्व सम्राट ने कहा:
आपको इस वजह से जानना चाहिए- क्योंकि आप एक सद्गुरु हैं।
गूडो ने उत्तर दिया:
वह तो ठीक है श्रीमान्!
लेकिन मैं अभी मरा ही नहीं हूं।
ऋतु आये फल होय--The Gras grow by Itself--ओशो

सूत्र:
एक भूतपूर्व सम्राट ने सद्गुरु गूडो से पूछा:
एक बुद्धत्व को उपलब्ध व्यक्ति को मृत्यु के बाद क्या घटता है?
गूडो ने उत्तर दिया:
मैं इसे कैसे जान सकता हूं?
भूतपूर्व सम्राट ने कहा:
आपको इस वजह से जानना चाहिए- क्योंकि आप एक सद्गुरु हैं।
गूडो ने उत्तर दिया:
वह तो ठीक है श्रीमान्!
लेकिन मैं अभी मरा ही नहीं हूं।