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गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009

स्वास्थ्‍य और रोग---

स्‍वास्‍थ्‍य शब्‍द का अर्थ समझ लो तो रोग का अर्थ समझ में आ जाएगा।

स्‍वस्‍थ का अर्थ होता है, स्‍वयं में स्थित हो जाना। यह शब्‍द बड़ा प्‍यारा है।
स्‍वस्‍थ का अर्थ होता है, स्‍वयं में ठहर जाना।
जो चीज भी तुम्‍हें स्‍वयं से दूर ले जाए, वह रोग।
जो तुम्‍हें स्‍वयं से भटकाए, अलग करे, तोड़े,
अस्‍वस्‍थ कर—वही रोग।
कौन करता है तुम्‍हें अपने से दूर। तुम्‍हारी वासना,
तुम्‍हारी तृष्‍णा भविष्‍य में भटकाती है। तुम्‍हारी तृष्‍णा कहती है।
कल, कल होगा धन, कल बनेगा भवन, कल मिलेगी सुंदर स्‍त्री, सुंदर पुरूष,
कल होगा एक बेटे का जन्‍म, फिर कल आएगी जीवन में बहारे,
आज थोड़ी ही देर की बात है, गुजार दो, आता है कल, लाएगा स्‍वर्ग।
आता है कल सब ठीक हो जाएगा, जरा सी देर और कर लो प्रतीक्षा।
थोड़ी और आशा को सम्‍हालो। बुझ मत जाने दो आशा का दीया—जलाए रखो।
उकसाए रखो बाती को, ड़लते रहो थोड़ा और तेल, बस थोड़ी देर और कल आता है।
कल कभी नहीं आता, आता है काल फिर कुछ नहीं होता।



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