वह दिसंबर का एक भाग्य शाली दिन था। सन था 1951 उत्तर ईजिप्त में एक शहर है नाग हम्मदि। उसके आसपास बियाबान में एक अरब किसान अपने खेत के लिए खुदाई कर रहा था। अचानक उसे एक मिट्टी का बड़ा सा लाल रंग का पुराना बर्तन मिला। वह उत्तेजना से भर गया, उसे लगा की कोई गड़ा हुआ धन मिल गया। पहले तो उसे डर लगा कि कोई जिन प्रेत है; उसने जल्दी से फावड़ा मार कर बर्तन को नीचे गिराया, अंदर उसे न तो जिन मिला और न धन। कुछ कागजी किताबें जरूर मिलीं। लगभग एक दर्जन किताबें सुनहरे भूरे रंग के चमड़े में बंधी हुई। उसे क्या पता था कि उसे एक ऐसा असाधारण दस्तावेज मिला है जो तकरीबन 1500 साल पहले निकटवर्ती मठ के भिक्षुओं ने पुरातनपंथी चर्च के विध्वंसक चंगुल से बचाने की खातिर भूमि के नीचे दफ़ना रखा था। चर्च उस समय जो-जो भी विद्रोही मत रखते थे उन सबको नष्ट कर रहा था। चर्च का क्रोध जायज भी है कि क्योंकि जीसस के ये मूल सूत्र प्रकाशित होते तो चर्च का काम तमाम हो जाता।
बाद में विद्वानों को इस खजानें की खबर लगी और उन्होंने इसका अनुवाद कर इसे छपवाया। ये सूत्र ईसाइयत के लिए सर्वाधिक खतरनाक है। क्योंकि ये मनुष्य की अन्त प्रज्ञा को मानते है, चर्च या ईश्वर को नहीं। थॉमस के ये सूत्र आध्यात्मिक खोज को आदमी के भीतर मोड़ते है। चर्च या पादरियों की और नहीं, इसलिए ये बाइबल का हिस्सा नहीं है। ये जीसस के कुँवारे शब्द जो 2000 साल तक मानवीय हाथों से अछूते रहे—गंगोत्री के जल समान पवित्र, ताजे, शुद्ध। इनमें से कुछ वचन तो ऐसे की पहली बार मनुष्य की निगाह उन पर पड़ी। इन सुत्रों की प्रामाणिकता इससे भी स्थापित होती है कि ओशो ने अपने प्रसिद्ध पुस्तक ‘’दि मस्टर्ड सीड’’ के प्रवचनों के लिए ये ही सूत्र चुने।
यह पुस्तक सहिदिक भाषा में पाई गई। वैसे इस किताब के कुछ हिस्से यहां वहां ग्रीक शास्त्रों में पाए जाते है। जबकि विद्वानों का मानना है कि यह किताब मूलत: अमेरिक में होनी चाहिए। क्योंकि जीसस की मात्र भाषा अमेरिक थी। जैसे कि उस समय के सभी ज्ञानियों के साथ हुआ, उनके द्वारा बोले गए वचन उनके शिष्यों ने लिखे और संकलित किए। यह तो आज के इलेक्ट्रॉनिक जमाने की देन है कि ओशो के वचन शत प्रतिशत उपलब्ध है। अंत: उसमे विकृतियां संभव नहीं है।
इस किताब में जीसस का मूल हिब्रू नाम जोशुआ ही लिखा हुआ है। जीसस का उनके शिष्यों के साथ हुआ वार्तालाप है यह। यह बहुत छोटी सी पाकेट बुक नुमा किताब है। जिसमे आधे पन्नों में खूबसूरत चित्र है और आधे पन्नों में जिससे के सूत्र जो थॉमस ने दर्ज किए है। ये सारे चित्र प्राचीन मिस्त्र के है। और उनमें से कुछ रहस्य पूर्ण प्रतीक है जैसे यिन-यांग की आकृति, या और कुछ यंत्र। सूत्रों के प्रारंभ में थॉमस ने लिखा है: ये गुप्त शब्द है जिन्हें जीवित जोशुआ ने कहा और डिडीमस जूदास थॉमस ने लिखा।
ये सूत्र कई तरह के है—इनमें प्रज्ञापूर्ण वचन है, भविष्य वाणीयां है, मुहावरे है, कथाएं है और समूह के लिए कुछ नियम है। वे इस प्रकार गुंथे है कि उनमें कोई तरतीब नज़र नहीं आती। समय-समय पर शिष्यों ने कुछ पूछ लिया और जीसस ने जवाब दे दिया। बहुत से सूत्र ऐसे है जो जॉन के गॉस्पल में पाए जाते है। न्यू टैस्टामैंट में जो सूत्र है उनके मुकाबले थॉमस के सुत्र अधिक प्रभाव शाली है। और प्रमाणिक भी है। और ये सूत्र जीसस के वचनों के काफी नजदीक महसूस होते है। इस किताब में जीसस का विख्यात मुहावरा, ‘’दि किंगडम ऑफ गॉड’’ नहीं पाया जाता। उसकी जगह यहाँ तो किंगडम ऑफ स्काई। किंगडम ऑफ फादर या फिर किंगडम ऑफ लाईफ। और तो और इसमें कहीं भी गॉड या ईश्वर शब्द का उल्लेख नहीं है। अगर यह जीसस के असली वचन है तो फिर ‘’ईश्वर’’ या ‘’ईश्वर का राज्य‘’ जैसे शब्द बाद में पादरियों ने जोड़े है।
हर दस्तावेज अपने समय का प्रतिफलन होता है वैसे यह भी है। पढ़कर आश्चर्य होता है कि आज से 2000 साल पहले भी पुरूष स्त्रियों को वैसे ही निकृष्ठ मानते थे जैसे कि आज मानते है। जैसे आखिरी सूत्र—114 में साइमन पीटर बाकी शिष्यों से कहता है, ‘’मेरी मग्दालिन हममें से चली जाए क्योंकि औरतें जीवन के काबिल नहीं है।‘’
जोशुआ कहता है, ‘’देखो मैं उसका मार्गदर्शन करूंगा और मैं उसे पुरूष बनाऊंगा ताकि वह भी जीवंत आत्मा बन जाए जैसे कि तुम पुरूष हो। क्योंकि हर औरत जो अपने को पुरूष बनाती ळ वह आकाश के राज्य में प्रवेश करेगी।‘’
शिष्यों ने जीसस से पूछा, ‘’हमें बताओ, स्वर्ग का राज्य कैसा है? उसने कहा, ‘’वह राई के दाने जैसा है, जो सभी बीजों से छोटा है। लेकिन जब वह कसी हुई जमीन पर गिरता है तब वह बहुत बड़ा पौधा बन जाता है और आकाश के पक्षियों के लिए सहारा बन जाता है।
एक और मजेदार सवाल है खतना के बारे में। उसके शिष्य उससे पूछते है, ‘’खतना आवश्यक है कि नहीं? जोशुआ ने कहा, ‘’यदि वह आवश्यक होता तो पिता बच्चों को उनकी मां से ऐसे ही पैदा करता। लेकिन आत्मा का खतना हर तरह से अनिवार्य है।‘’
एक चीज बहुत सुस्पष्ट है कि जीसस जिसे आकाश का या पिता का राज्य कहते है वह भीतर है। वह स्वर्ग नहीं है जो मरने के बाद मिलने वाला है। निम्न लिखित संवाद इस पर अच्छी रोशनी डालता है:
जोशुआ स्तन पान करने वाले शिशुओं को देखता है। वह अपने शिष्यों से कहता है: ये दूध पीने वाले बच्चे वे लोग है जो राज्य में प्रवेश करेंगे।
वे पूछते है, ‘’तो क्या फिर हम, जो कि छोटे बच्चे होकर ही, राज्य में प्रवेश करेंगे?’’
जोशुआ उनसे कहता है, ‘’जब तुम दो को एक बनाओगे, जब तुम भीतर को बाहर जैसा और बहार को भीतर जैसा बनाओगे। ऊपर को नीचे जैसा, जब तुम स्त्री और पुरूष को ऐ इकाई बनाओगे। ताकि पुरूष-पुरूष न रहे। और स्त्री-स्त्री ने रहे। जब तुम आँख की जगह आँख बनाओगे, हाथ की जगह हाथ बनाओगे, पाँव की जगह पाँव बनाओगे तब तुम राज्य में प्रवेश करोगे।‘’
यहां जीसस ने योग और तंत्र की पूरी प्रक्रिया बता दी है बहुत सरलता से बहुत सुस्पष्टता से।
एक और सुत्र है: ‘’जब तुम उसे देखोगें जो स्त्री से पैदा नहीं हुआ तब उसे औंधे मुंह दंडवत करना और उसकी पूजा करना। वह तुम्हारा पिता है।‘’
एक और संभाषण है जो थॉमस के विशिष्ट होने का सबूत है:
जोशुआ अपने शिष्यों से कहता है, ‘’मेरी तुलना करो और बताओ कि मैं किसके जैसा हूं।‘’
साइमन पीटर कहता है: ‘’आप एक न्यायपूर्ण फ़रिश्ते जैसे हो।‘’
मैथ्यू ने कहा, ‘’आप एक दार्शनिक विद्घान जैसे है।‘’
थॉमस ने कहा, ‘’आप शिक्षक, मेरा मुंह यह कहने के काबिल नहीं है कि आप किसके जैसे है।‘’
जोशुआ ने कहा, ‘’मैं तुम्हारा शिक्षक नहीं हूं, क्योंकि तुमने उस झरने से, उस उछलते हुए झरने से पानी पिया है, और उससे मदहोश हुए हो जिसे मैंने बहाया है।‘’
फिर वह थॉमस को लेकिर एकांत में जाता है और कहता है, ‘’I am who I am.” ‘’मैं वह हूं जो हूं।‘’
फिर जब थॉमस अपने साथियों के पास आता है तो वे पूछते है, ‘’जोशुआ ने तुम्हें क्या कहां?’’
थॉमस ने कहा, ‘’अगर मैं तुम्हें एक भी शब्द बताऊंगा तो उसने मेरे से कहा तो तुम पत्थर उठाओगे और मुझे मारोगे। उन पत्थरों से आग निकलेगी और तुम्हें जलाएगी।‘’
इस किताब में जीसस की कुछ कहानियां भी है जो थॉमस ने वैसी की वैसी दर्ज कह है। एक कहानी बहुत सुंदर है:
एक आदमी के घर में मेहमान आए हुए थे। जब खाना तैयार हो गया तब मेज़बान ने अपने गुलाम को मेहमानों को बुलाने के लिए भेजा। वह पहले मेहमान के पास गया और उससे कहा, ‘’मेरे मालिक आपको बुला रहे है।‘’
वह बोला, ‘’मैं कुछ व्यापारियों के साथ सौदा कर रहा हूं वे शाम को मुझसे मिलने आने वाले है। मुझे जाकर उन्हें ऑर्डर देने है। मैं क्षमा चाहता हूं।‘’
गुलाम दूसरे मेहमान के पास गया और उसे उसने कहा, ‘’मालिक आपको बुला रहे है।‘’
उसने कहा ‘’मैने नया मकान खरीदा है और उन्हें एक दिन कि लिए मेरी जरूरत है। मेरे पास वक्त नहीं है।‘’
उसने तीसरे से जाकर कहा, ‘’मेरे मालिक आपको बुला रहे है।‘’
उसने कहा, ‘’मेरे दोस्त की शादी होने वाली है और मुझे उसके प्रीतिभोज की तैयारी करनी है। मैं नहीं आ सकूंगा।‘’
गुलाम वापिस आ गया और उसने मेज़बान से कहा, जिन्हें आप बुलाना चाहते है वे नहीं आ सकते।‘’
मालिक ने कहां, ‘’सड़क पर जाओं और जो भी मिल जाए उन्हें ले आओ ताकि वे भोज का आनंद ले सकें।‘’
फिर उसने कहा, ‘’ व्यापारी और सौदागर मेरे पिता के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।‘’
कुछ सूत्र:
जोशुआ कहता है, ‘’मुझे वह पत्थर दिखाओं जिसे बिल्डर ने फेंक दिया है, वहीं नींव का पत्थर है।‘’
जोशुआ कहता है, ‘’जो सब कुछ जानता है लेकिन अपने आपको नहीं जानता उसके पास कुछ भी नहीं है।‘’
उसके विद्यार्थी उसे पूछते है, ‘’राज्य कब आएगा?’’
जोशुआ कहता है, ‘’अपेक्षा करोगे तो वह नहीं आएगा। वे ऐसा नहीं कहेंगे। यहां देखो, वहां देखो, पिता का राज्य पूरी पृथ्वी पर फैला हुआ है लेकिन लोग देखते ही नहीं है।‘’
और वह कहता है, ‘’जिसने इन शब्दों की व्याख्या कर ली वह मृत्यु का स्वाद नहीं लेगा।‘’
ओशो का नज़रिया:
पांचवी किताब है गॉस्पल। यह बाईबिल में शामिल नहीं है, यह अभी-अभी ईजिप्त में मिली है। यह किताब है: ‘’नोटस ऑन जीसस’’ थॉमस द्वारा लिखी हुई। मैं इस पर बोल रहा हूं, क्योंकि मैं एकदम इसके प्रेम में पड़ गया। इस किताब में थॉमस इतनी सरलता से लिखता है कि वह गलत नहीं हो सकता। वह इतना प्रत्यक्ष है, तत्काल है कि वह मौजूद नहीं है, केवल जीसस है।
क्या तुम जानते हो कि भारत पहुंचने वाला थॉमस पहला शिष्य है? भारतीय ईसाइयत प्राचीनतम है, वेटिकन से भी प्राचीन। और थॉमस का शरीर अभी तक गोवा में रखा हुआ है—विचित्र जगह है लेकिन सुंदर है, बहुत सुंदर है। इसीलिए तो सारे बाहर के हिप्पी गोवा से आकर्षित होते है। जैसे किनारे गोवा के समुंदर के है वैसे और कहीं नहीं है।
थॉमस का शरीर अभी तक सुरक्षित रखा है। और जैसे वह रखा है वह एक आश्चर्य है। अब हम जानते है कि मृत शरीर को कैसे सुरक्षित रखना, हम उसे बर्फ की भांति जमा देते है। लेकिन थॉमस का शरीर जमाया हुआ नहीं है। कोई पुरानी विधि जो तिब्बत में या प्राचीन ईजिप्त में इस्तेमाल की गई थी वहीं यहां की गई है।
ऐसे कैमिकल्स इस्तेमाल किए गए है जिन्हें अभी वैज्ञानिक खोज नहीं पाए है; या फिर पता नहीं कैमिकल्स काम में लिए भी गए है कि नहीं। वैज्ञानिक महान है, वे चाँद पर पहुंच सकते है लेकिन वे ऐसा पैन नहीं बना सकते जो लीक नहीं करता। छोटी बातों में वे असफल होते है।
ओशो
बुक्स आय हैव लव्ड
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