66 - अंधकार से
प्रकाश की ओर, - (अध्याय – 27)
भारत में आपको हज़ारों गुना ज़्यादा बड़ी मूर्तियाँ मिलेंगी, लाखों मंदिर हैं जिनमें पुरुषों और महिलाओं की बेहद खूबसूरत मूर्तियाँ हैं - लेकिन सभी मूल रूप से ध्यान को समर्पित हैं। बुद्ध की मूर्ति को देखकर ही आपको अपने भीतर कुछ शांति का एहसास होगा - बुद्ध का अनुपात, शरीर, मुद्रा जिस तरह से वे बैठे हैं, आधा-आप बस चुपचाप बैठें, मूर्ति को देखें, और आप मौन में डूबने लगेंगे.......
पूर्व में मूर्ति अपने आप में नहीं बनाई जाती। इसे सदियों तक कोड भाषा के रूप में बनाया जाता है। शास्त्र गायब हो सकते हैं, भाषाएँ बदल सकती हैं, शब्दों की व्याख्या की जा सकती है। सिद्धांतों की गलत व्याख्या की जा सकती है, उन पर टिप्पणी की जा सकती है। सिद्धांतों को लेकर विवाद हो सकता है - और हुआ भी है - इसलिए उन्होंने सोचा कि भाषा से अलग कोई तरीका होना चाहिए।
ओशो
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