आदमी दुःखी है इसलिए कि दुनियां में ध्यान कम है।
लेकिन यह भी  तुम्हें तभी पता  चलेगा,
जब तुम्हारा ध्यान जगेगा और तुम्हारे दुःख विसर्जित हो जाएंगे--
तब तुम्हें पता चलेगा।
फिर तुम दूसरों में भी ध्यान को  जगाने की कोश िश में लगना।
बस एक  काम  करने जैसा है कि लोगों का ध्यान जगे।
मनुष्य इतना परेशान  है, क्योंकि मूर्च्छित है।
और मनुष्य मूर्च्छित होने के कारण  दुःखी है।
 

 
 
बहुत आभार!!
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