(भाग—12)
ओशो
इस देश ने एक ऐसी संपदा
जानी है, जिसके सामने और सब संपदाएं फीकी हो जाती है।
इस देश को ऐसे
हीरों का पता है। जिनके सामने तुम्हारे हीरे कंकड़—पत्थर है। इस देश ने ध्यान
का धन जाना है। और जिसने ध्यान जान लिया, उसके लिए फिर और कोई धन
नहीं है; सिर्फ ध्यान ही धन है। इस देश ने समाधि जानी है।
और जिसने समाधि जानी है, वह सम्राट हुआ। उसे असली साम्राज्य
मिला।
ओशो
एस धम्मो सनंतनो
भाग—12
THANK YOU GURUJI
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